JCB इंडिया के बारे में

JCB इंडिया लिमिटेड भारत में अर्थमूविंग और कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट की लेडिंग मैन्युफैक्चरर कंपनी है। कंपनी की शुरुआत 1979 में एक जॉइंट वेंचर के रूप में हुई थी और अब यह यूनाइटेड किंगडम के जे. सी बैमफोर्ड एक्स्कवेटर्स की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। भारत में पांच अत्याधुनिक फ़ैक्ट्रियों के साथ, JCB घरेलू बाज़ार के साथ-साथ 125+ से ज़्यादा देशों को एक्सपोर्ट के लिए भारत में वर्ल्ड-क्लास इक्विपमेंट की एक विस्तृत रेंज बनाती है।

JCB ने चार दशक पहले भारत में आइकॉनिक बेकहो लोडर पेश किया था। तब से इसने नौ केटेगरी में 60 से अधिक प्रोडक्ट्स तक अपनी रेंज का विस्तार किया है।

नई दिल्ली के नज़दीक बल्लबगढ़ फ़ैक्ट्री, जो बेकहो लोडर्स के लिए दुनिया की सबसे बड़ी फ़ैक्ट्री है, JCB इंडिया का हेडक्वाटर भी है। यह फैसिलिटी, बेकहो लोडर के अलावा, स्किड स्टीयर लोडर, टेलिहैंडलर, डीजल जनरेटर और डीजल इंजन भी बनाती है। 

कंपनी ने 2006 और 2007 में अपने हेवीलाइन बिजनेस के लिए पुणे में दो फ़ैक्ट्रियां स्थापित करके अपने ऑपरेशन का विस्तार किया। ये फैक्ट्रियां ग्रुप के लिए ट्रैक्ड एक्स्कवेटर, व्हील लोडर, कॉम्पैक्शन इक्विपमेंट और फ़ैब्रिकेशन बनाती हैं। 400 से ज़्यादा इंजीनियरों के साथ, पुणे में यूनाइटेड किंगडम के बाहर JCB का सबसे बड़ा डिज़ाइन सेंटर भी है। भारत में 2014 में जयपुर में 114-एकड़, पर्यावरण के अनुकूल, ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी के उद्घाटन के साथ और निवेश किया गया। इस फैसिलिटी से आज मिनी एक्स्कवेटर, टेलिहैंडलर, बेकहो लोडर, स्किड स्टीयर और फ़ैब्रिकेशन की मैन्युफैक्चरिंग होती है, जहाँ शॉप फ्लोर पर काम करने वाले 34% एम्प्लाइज में महिलाएँ शामिल हैं। वडोदरा में 44 एकड़ के कैंपस में फैली एक छठी फैक्ट्री का उद्घाटन अप्रैल, 2022 में किया गया।

कंपनी ने भारत में अपने प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग के लिए एक लोकल सप्लाई चेन का निर्माण और समर्थन किया है। भारत में निर्मित JCB बैकहो लोडर का स्वदेशीकरण 95% से अधिक है। लगभग 380 वर्ल्ड-क्लास भारतीय सप्लायर JCB ग्रुप के उद्देश्यों के अनुरूप हैं और उन्होंने सप्लायर के विभिन्न विकास और क्लस्टर पहलों के जरिए कंपनी के साथ मिलकर काम किया है। 

JCB का पूरे भारत में 60 से ज़्यादा डीलरों और 700 आउटलेट्स का नेटवर्क फैला हुआ है, जो आगे 8,000 प्रोफेशनली ट्रेंड एम्प्लॉई को रोजगार देते हैं। ये दूरगामी आउटलेट कस्टमर्स को उनके इक्विपमेंट के लिए महत्वपूर्ण प्रोडक्ट सपोर्ट प्रदान करते हैं। पुणे, चेन्नई, फ़रीदाबाद, गुवाहाटी और कोलकाता में सोच-समझकर से स्थापित किए गए पाँच वेयरहाउस इन डीलरशिप और पार्ट्स की सप्लाई के लिए आउटलेट की सहायता करते हैं। नेटवर्क का विस्तार दक्षिण एशिया क्षेत्र नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार और श्रीलंका तक भी है, जहाँ JCB बिजनेस को भारतीय ऑपरेशन द्वारा मैनेज किया जाता है।  

JCB का ITI और डिप्लोमा ग्रेजुएट्स के लिए जयपुर फैसिलिटी के वेल्डिंग ट्रेनिंग स्कूल में 16 सप्ताह का विस्तृत इंडक्शन प्रोग्राम है। इन प्रोग्राम्स के ज़रिये विकसित कॉम्प्रिहेंसिव स्किल ने युवा पुरुषों और महिलाओं को अपने करियर में बेहतर परफॉर्म करने में मदद की है, ख़ासकर महिला इंजीनियर, जो अब वेल्डिंग और असेंबली जैसे निर्माण के पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान क्षेत्रों में अपना करियर बना रही हैं।

कंपनी भारत में अपने 10 ऑपरेटर ट्रेनिंग सेंटरों के जरिए युवाओं के बीच एम्प्लॉयमेंट और आन्ट्रप्रनर्शिप क्रिएट कर रही है। यह मशीन के ऑपरेशन और मेंटेनेंस पर एक महीने का सर्टिफाइड कोर्स प्रदान करता है, जिसमें क्लासरूम और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दोनों शामिल हैं। अब तक 30,000 से ज़्यादा उम्मीदवारों को JCB मशीनों को सुरक्षित और बेहतर तरीके से ऑपरेट करने के लिए ट्रेंड किया गया है।

कंपनी की CSR जर्नी दो दशक पहले लेडी बैमफ़ोर्ड चैरिटेबल ट्रस्ट (LBCT) के ज़रिये दिल्ली-NCR फ़ैक्ट्री के पास एक स्कूल की सहायता से शुरू हुई थी। यह प्रतिबद्धता अब तीन इन-हाउस फाउंडेशनों, चार सतत विकास लक्ष्यों और उन समुदायों तक पहुंच बनाने में बढ़ गई है जिनमें महिलाएं, किशोर लड़कियां, बच्चे, ग्रामीण कारीगर और युवा शामिल हैं।

इन पहलों से 15,500 छात्रों को क्वालिटी एजुकेशन और 2,000 से अधिक कारीगरों और महिलाओं के समूहों को बाज़ार में पहुँच और प्रोडक्शन एफिशियंसी प्रदान करने में मदद मिली है। यह ग्राउंड लेवल पर क्वालिटी प्रोजेक्ट ऐक्सेस करने वाली 50 से ज़्यादा पंचायतों की सहायता करता है।

JCB इंडिया ने दो अग्रणी और इनोवेटिव CSR प्रोजेक्ट भी स्थापित किए हैं: जयपुर में नीला हाउस क्राफ्ट के लिए उत्कृष्टता का केंद्र है और साहित्य के लिए JCB पुरस्कार, साहित्य के लिए एक वार्षिक पुरस्कार है, जो भारतीय लेखकों द्वारा कथा साहित्य के विशिष्ट कार्यों का जश्न मनाता है।